Top sidh kunjika Secrets



देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति पंचमोऽध्यायः

न सूक्तं नापि ध्यानम् च न न्यासो न च वार्चनम् ॥ २ ॥

देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति द्वितीयोऽध्यायः

न तस्य जायते सिद्धिररण्ये रोदनं यथा ॥ १५ ॥

दकारादि दुर्गा अष्टोत्तर शत नामावलि

देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति प्रथमोऽध्यायः

देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति अष्टमोऽध्यायः

सिद्ध कुंजिका स्तोत्र का पाठ करने से विपदाएं स्वत: ही दूर हो जाती हैं और समस्त कष्ट से मुक्ति मिलती है। यह सिद्ध स्त्रोत है और इसे करने से दुर्गासप्तशती पढ़ने के समान पुण्य मिलता है।

There is website absolutely no ought to recite Kavacham, Argala stotram, Kilakam or Rahasyakam Neither is it necessary to recite Suktam, Dhyanam, Nyasam in addition to there is absolutely no have to worship (most of the earlier mentioned are preliminary stotras that have to be recited ahead of reading through of Devi Mahatmya). These lines condition that When the kunjika stotra is recited, there is no should recite the any Other individuals.

शृणु देवि प्रवक्ष्यामि कुंजिकास्तोत्रमुत्तमम्।

देवी माहात्म्यं चामुंडेश्वरी मंगलम्

देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति नवमोऽध्यायः

देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति नवमोऽध्यायः

देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति सप्तमोऽध्यायः

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